Thursday, October 30, 2008

The whispering house

कैसे चुपके से एक मकान घर बन जाता है,

क्यूँ इस घर का दरवाजा हमेशा खुला रहता है,

क्यूँ इस घर में रोटियाँ गिन के नहीं बनती,

क्यूँ होली खेलने सारा मोहल्ला इस आँगन में आता है,

क्यूँ दीवली का पहला पठाका इसी घर में जलाया जाता है,

क्यूँ कृकैट में हारते हारते इंडिया इस घर में जीत जाता है,

क्यूँ की हर घर चुपके से यह कहता है...

की अन्दर इस में कौन रहता है.


- From an Indian advertisement currently on TV

No comments: